- वैदिक ज्योतिष पाठ्यक्रम: सुरुवात से आगे की ओर
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- ज्योतिष के मूल सिद्धांत
- राशि पद्धति और उसका महत्व
- राशि और राशि पद्धति का परिचय
- बारह राशियों के प्रकार और उनकी विशेषताएँ
- नक्षत्र और उनकी महत्वपूर्ण विशेषताएँ
- अश्विनी से रेवती तक नक्षत्रों का विवरण
- नक्षत्रों के गुण और प्रभाव
- नक्षत्रों की चारित्रिक विशेषताएँ
- योग, दोष और उपाय
- योगों के प्रकार और उनका महत्व
- दोषों के प्रकार और उनका समाधान
- रत्नों, मंत्रों और उपायों का उपयोग
- मुहूर्त विज्ञान
- मुहूर्तों का अर्थ और महत्व
- उपयुक्त मुहूर्त की जानकारी
- शुभ और अशुभ मुहूर्तों का प्रभाव
- प्राकृतिक चक्र और जन्म कुंडली
- जन्म कुंडली का अर्थ और महत्व
- प्राकृतिक उपचार और आयुर्वेद
- आयुर्वेद की विशेषताएँ और ज्योतिष के संबंध
- रोगों का उपचार और ज्योतिषीय दृष्टिकोण
- प्राकृतिक उपचारों के प्रयोग का महत्व
- उत्तरफलित ज्योतिष
- नवांश कुंडली और उसके फल
- वास्तु और उत्तरफलित ज्योतिष के संबंध
- उत्तरफलित ज्योतिष के उपयोग का महत्व
- भविष्यवाणी और समाधान
- भविष्यवाणी के विभिन्न तरीके
ज्योतिष जगत.com पर वैदिक ज्योतिष पाठ्यक्रम: ज्योतिष का सफर कैसे शुरू करें
ज्योतिष, या वैदिक ज्योतिष, भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें ग्रहों, नक्षत्रों, और राशियों के अध्ययन के माध्यम से मनुष्य के भविष्य का अनुमान लगाया जाता है। यह ज्ञान सदियों से विभिन्न समाजों में उपयोग में आता रहा है और आज भी लोग इसे अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में उत्कृष्ट मानते हैं। वैदिक ज्योतिष को समझना और सीखना एक रोमांचक और उत्तम सफर हो सकता है, और ज्योतिष जगत.com के वैदिक ज्योतिष पाठ्यक्रम से इस सफर की शुरुआत करना सरल और अध्यात्मिक तरीके से संभव है।